सही खर्च ही है अच्छा निवेश।
“आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपया” इस बात से हर इंसान परेशान रहता है लेकिन यही खर्चा अगर सोच समझ कर किया जाए तो पैसे से पैसा भी बनाया जा सकता है।
हम अक्सर अपने पैसे का इस्तेमाल ऐसी जरूरत की चीज खरीदने में करते हैं जिनकी कीमत समय के साथ काम होती जाती है। किसी भी वस्तु में निवेश से पहले यह ध्यान देना जरूरी है कि ऐसी वस्तुएं जिनका डिप्रेशन यानी समय के साथ मूल्य में आने वाली कमी अधिक है उसमें पैसा लगाना उन्हें व्यर्थ करना ही है। अपने पैसों को बचाने के लिए यह समझना जरूरी है कि ऐसी कौन-कौन सी वस्तु है जिनमें पैसों की बर्बादी होती है और किन-किन चीजों में किया गया निवेश भविष्य में समझदारी साबित होता है।
यहां होती है फिजूल खर्ची
- कारें
- शॉपिंग
- मोबाइल फोन
- फैशन
1. कारें :
कर आजकल स्टेटस संभल बन चुकी है। जिन लोगों को इसकी जरूरत नहीं है वह भी इसे खरीद लेते हैं। लोग लाखों रुपए खर्च कर नई कर खरीदने हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि कर का मूल्य पहले ही वर्ष में औसतन 11 से 25% गिर जाता है। 5 वर्षों में कर की कीमत 50 से 60% तक घट जाती है भले ही वह काम चली हो या नई जैसी दिखती हो। यानी अगर आपने किसी कर को 12 लाख में खरीदा है तो अगले ही साल उसकी कीमत ₹900000 या उससे भी काम हो सकती है वहीं 5 साल बाद इसकी रीसेल वैल्यू मुश्किल से चार-पांच लाख रुपये रह जाएगी।
अतः में अपने पाठकों को यह सलाह देना चाहता हूं कि जब तक बेहद जरूरी ना हो, महंगे फोर व्हीलर ना खरीदें। मैं अपने दोस्तों और रिलेटिव्स में एक नहीं अनेकों ऐसे परिवारों को जानता हूं जो जरूरत नहीं होने पर भी लोन लेकर चौपाइयां वाहन खरीद लेते हैं। आप यह न सोचे की गाड़ी खरीदते वक्त आपको एक मुफ्त 15-20 लख रुपए की आवश्यकता होती है बल्कि उसके लिए पेट्रोल, उसका मेंटिनेस, सर्विस, आदि पर भी काफी पैसा खर्च करना पड़ता है।
2. महंगी शॉपिंग :
हम अक्सर अपने घरेलू जरूरत के लिए शॉपिंग करते हैं। मैंने देखा है की शॉपिंग करते वक्त तकरीबन 30% सामान ऐसा होता है जिसके बिना भी घर का काम अच्छी तरह चल सकता है। लेकिन फिर भी हम बहुत सी अनावश्यक चीज परचेस कर लेते हैं जो काफी महंगी होती हैं यह पैसा आपके अन्य जरूरी कामों को पूरा कर सकता है। मैं आपको मेरा ही एग्जांपल देता हूं मैं अपनी पत्नी के साथ पिछले दिनों जयपुर घूमने गया था। मुझे गर्मियों के लिए सफेद शर्ट और कुछ ट्राउजर की आवश्यकता थी। यह मुश्किल से ₹3000 का खर्चा था। लेकिन पत्नी ने जबरदस्ती ही मुझे कुछ पैंट शर्ट घर के लिए चद्दर, तकियों की खोलिया, अपने लिए कुछ साड़ी और लहंगे भी खरीद लिए जबकि इनकी कोई आवश्यकता नहीं थी और हमारी शॉपिंग 15000 तक पहुंच गई। अर्थात जरूरत नहीं होते हुए भी व्यर्थ में ही हमने ₹12000 खर्च कर दिए। इन ₹12000 में हम अन्य घरेलू जरूरत को पूरा कर सकते थे। या कहीं और इन्वेस्ट कर सकते थे, जिससे कुछ अर्निंग भी प्राप्त होती।

आर्थिक फंडा ब्लॉग — निवेश की आजादी
3. मोबाइल फोन :
रंग आकार और थोड़े बहुत फीचर्स में बदलाव करके हर मोबाइल कंपनी अपने नए-नए फोन की सीरीज पेश करती है। यही कारण है कि आपका फोन अगले ही साल 30 से 40% की गिरावट के साथ नीचे आ जाता है यानी 1 पॉइंट 2 लाख का नया फोन अगले ही साल 70000 रुपए में बिकेगा और 2 साल बाद शायद 40000 में भी नहीं। आजकल परिवार में कई मोबाइल फोन की आवश्यकता होती है पति-पत्नी बच्चों सभी के पास मोबाइल फोन होते हैं। मैं समझता हूं कि महंगा मोबाइल फोन ना खरीदें। और 12th क्लास तक बच्चों को मोबाइल फोन ना दे अगर उन्हें ऑनलाइन स्टडी या अन्य कोई जरूरी कार्य हो तो वह पेरेंट्स के फोन से भी यह काम कर सकते हैं।
4. फैशन :
महंगे ब्रांडेड कपड़े, पर्श, गॉगल्स, शूज, सूट आदि भी भले ही देखने में आकर्षक हूं पर इनमें से अधिकांश की कोई रीसेल वैल्यू नहीं होती। इसलिए इनकी खरीदारी करते समय क्वालिटी पर ध्यान देने की ट्रेंड पर
समझदारी वाले खर्च अपनायें :
- स्वर्ण आभूषण
- मकान और प्रॉपर्टी
- लाइफ फॉर हेल्थ इंश्योरेंस
1. स्वर्ण आभूषण :
यह प्रयोग और निवेश दोनों के लिए हाथ से बढ़िया है क्योंकि पिछले 25 वर्षों में सोने की कीमत प्रति 10 ग्राम पर 4400 से बढ़कर 97 हजार हो चुकी है यानी औसतन 15 प्रति वर्ष की वृद्धि। अब सोचिए कि अगर आपने सन 2000 में 44000 का 100 ग्राम सोना भी खरीद होता तो उसे उपयोग करते रहने के बावजूद भी उसकी कीमत आज की तारीख में ₹900000 होती। यह एक ऐसी वस्तु है जिसको खरीदने के बाद उसकी वैल्यू में कोई गिरावट नहीं आती बल्कि समय के साथ उसकी कीमत बढ़ती जाती है और उसे हम लगातार प्रयोग में भी लेते रहते हैं। आते थोड़ी बचत करके या व्यक्ति के खर्चों को रोक करके हम स्वर्ण आभूषण पर निवेश करें तो यह एक बेहतर विकल्प होगा।
2. मकान या प्रॉपर्टी :
सही जगह खरीदी गई जमीन, प्लाट, दुकान, या मकान एक स्मार्ट निवेश हो सकता है। अच्छी शहरों में खरीदी गई प्रॉपर्टी पर संपत्ति की कीमतें हर साल से 10 साल में दुगनी हो जाती हैं और कई बार यह हर 5 वर्ष में दुगने से ज्यादा हो जाती हैं। प्रॉपर्टी का दूसरा सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि आप इसे किराए पर भी दे सकते हैं और इसे एक निश्चित आय अर्जित कर सकते हैं इसके अलावा मकान होने से लोन भी आसानी से मिल जाता है साथ ही रिवर्स मॉर्टगेज ( 60 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को अपने घर के बदले मिलने वाला रीन ) भी मिल सकता है।
दोस्तों मैं आपको मेरा खुद का एक उदाहरण देता हूं जो प्रॉपर्टी से संबंधित है। मैंने लगभग 2001 में जयपुर शहर के प्रताप नगर इलाके में मात्र ₹4 लख रुपए में एक प्लॉट खरीदा था और 2012 में उसे 90 लख रुपए में बेचा। मैं इसे एक बेहतरीन रिटर्न मानता हूं। मेरे कजन ब्रदर ने जो आज राजस्थान प्रशासनिक सेवा में अधिकारी भी हैं, भी प्रताप नगर इलाके में ही ₹500000 का एक प्लॉट खरीदा था उसे लगभग मेरे प्लॉट के कुछ वर्ष बाद एक करोड़ 25 लख रुपए का बचा अब आप ही बताइए इतना रिटर्न और कोई निवेश दे सकता है।

3. लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस में निवेश :
जीवन बीमा हो या फिर स्वास्थ्य बीमा दोनों ही ऐसे खर्चे है जो आपात स्थिति में काम आ सकते हैं इसलिए इनमें किया गया खर्चा निवेश की श्रेणी में आता है शिक्षा या कौशल को सीखने के लिए किया गया खर्च भी आगे चलकर रोजगार को पानी में सहायक होता है।
खर्च करते समय ध्यान रखें :
1. किसी भी चीज को खरीदने से पहले खुद से तीन-चार सवाल करें– जैसे
क्या आपको वाकई इस चीज की जरूरत है..?
आपके और आपके परिवार के लिए इस चीज का क्या इस्तेमाल है..?
क्या इस खरीदारी के बिना भी आपका काम चल सकता है..?
क्या सचमुच में इस वस्तु के लिए इतने पैसे खर्च करने की आवश्यकता है और क्या इस वस्तु का अवमूल्यन होगा..?
अगर आप किसी भी वस्तु को खरीदने से पहले अपने आप से इन सवालों को करते हैं तो हो सकता है कि आपके पैसे बच जाएं और व्यर्थ की खरीदारी करने से आप सभल जाये।
2. क्रेडिट कार्ड एमी ऑफर्स के जाल में फंसकर खर्च करने से बचे, क्योंकि इस स्थिति में आप अक्सर फिजूल चीज ले लेते हैं।
3. जरूरत के लिए कर मोबाइल या कपड़े खरीदना गलत नहीं है। पर बार-बार महंगी ट्रेंड्स और सिर्फ दिखावे के लिए खरीदना आपके लिए एक वित्तीय नुकसान है और कुछ नहीं।
4. खर्च करने से पहले हमेशा इस बात को ध्यान रखें कि ” सही खर्च ही सही निवेश है।”
ब्लॉग – आर्थिक फंडा ब्लॉग
URL – arthikfunda.कॉम
राइटर – kedar Lal / सिंह साब
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